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पिंपरी चिंचवड साहित्य मंच आयोजित “लिहिते व्हा…” लेखन – माधुरी विधाटे

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पिंपरी चिंचवड साहित्य मंच आयोजित
*श्रावण शु. प्रतिपदा (२५ जुलै २०२५ ) पासून उपक्रम…….*
*”लिहिते व्हा…”*….
*मालिकेचे नाव : चरित्रात्मक अभंग*
*भाग क्रमांक :- ७*
*बुधवार, दिनांक : १७ सप्टेंबर २०२५*
*प्रस्तुतकर्ता : सौ.माधुरी शिवाजी विधाटे*

*संत कान्होपात्रा*
शुद्ध नाही याती | तरी शुद्ध भक्ती |
देहाची विरक्ती | जागलीसे ||

विशुद्ध अंतरी | निर्मळ भावांनी |
शोभे कमलिनी | कंदर्पात ||

ऐशी कान्होपात्रा | गणिकेच्या घरी |
लावण्य सुंदरी | जन्मा आली ||

मृत्तिके समान | धनाचिया राशी |
जावे पंढरीसी | हाच ध्यास ||

निघाली सोडून | माया मोहपाश |
श्रीहरीची आस | एक मात्र ||

अभेद भक्तिने | नामात रंगली |
विठ्ठलची झाली | अंतर्बाह्य ||

परि देहावरी | वृष्टी सौंदर्याची |
दृष्टी पापियांची | पडलीसे ||

म्हणे राखा सत्व | पतीतपावना |
हरीच्या चरणा | लागलिसे ||

सावळे डोळसे | कृष्णाई कान्हाई |
अगे विठाबाई | ठाव देई ||

आत्मविसर्जन | केलासे निर्धार |
नामाचा उच्चार | अखंडित ||

राखले ते ब्रीद | पाहूनिया भक्ती |
हरी देई मुक्ती | चरणात ||

तरटीचा वृक्ष | दक्षिणद्वारात |
छाया असे देत | भक्तालागी ||
माधुरी शिवाजी विधाटे

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